1.
पहले उसके पास दरपन नहीँ था
पर एक चेहरा था
उसने एक दिन झट से
एक नया दरपन खरीदा
और लगा तलाशने उसमें
अपना चेहरा
वह हैरान था
कि कब बिना बताए
और कैसे बदल गया चेहरा ।
2.
एक दिन अचानक
चाँद ने उसका चेहरा चुरा लिया
पूर्णिमा के रोज
वह कुछ अधिक ही दमक रहा था
उस रोज कवि ने
एक नया गीत लिखा
जिसे तब से
हर प्रेमी गुनगुना रहा है ।
3.
जिनके चेहरे खो गए थे
उन सबको एक दिन लोगों ने कहा –
तुम्हारे चेहरे गायब हो गए हैं
गायब हुए चेहरों तक पहुँचने के लिए
उन्होंने फौरन
राजधानी की टिकट कटा ली
हाथ में लैपटॉप लेकर
वहां जाकर सोचने लगे
चेहरे आखिर उनको पूछे बिना
गायब कैसे हो गए ।
4.
जबसे उसने उतारे हैं
सबके सब मुखौटे
लोग कहते हैं –
तुम्हें कहीं देखा है
शायद पाठशाला जाते
शायद भेड़ें चराते
शायद हल चलाते
शायद रास्ता बनाते
शायद लोकगीत गाते …..।
– गणेश गनी